Wednesday, 13 February 2013
Tuesday, 12 February 2013
प्रशासन ने रिवर साइड कॉरिडोर के लिए 9 जनवरी से सीमांकन करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसके लिए दो दल बनाए गए। पहला दल एमआर 10 से भागीरथपुरा के 3.7 किमी लंबे मार्ग और दूसरा दल राजीव गांधी चौक से बद्रीबाग कॉलोनी वाले 1.8 किमी हिस्से का सीमांकन करेगा। परियोजना के तीसरे हिस्से कृष्णपुरा छत्री से भागीरथपुरा के 3.3 किमी हिस्से का सीमांकन बाद में होगा। ये दल नदियों के किनारों का सीमांकन कर निशान के लिए पत्थर गाड़ेंगे और मौके से अतिक्रमण भी हटाएंगे।
अगल से रहे चैनल
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इस परियोजना का महत्व तभी होगा जब नदियों में नालों व ड्रेनेज का पानी नहीं मिलने दिया जाए। इसके लिए नालों के चैनलाइजेशन का काम करना होगा ताकि नालों व ड्रेनेज लाइन का मुंह नदियों में नहीं खुले और इसके लिए अलग से चैनल रहे। बैठक में निगम कमिश्नर राकेश सिंह, एडीएम आलोक सिंह, राजस्व व नजूल अधिकारी व इंजीनियर मौजूद थे।
वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा बिल्डरों के यहां मारे गए छापों में कई जगह सामने आया है कि फ्लैट खरीदने वालों से अधिक वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) लिया जा रहा है। ऐसा ग्राहकों को नियमों की जानकारी नहीं होने के चलते हो रहा है। कुछ जगह तो सामने आया कि बिल्डर रजिस्टर्ड ही नहीं हैं फिर भी वैट वसूल रहा है, जो सीधे-सीधे उसकी जेब में जा रहा है। विभाग के जानकार भी इन छापों में सामने आई बातों से हैरान हैं कि किस तरह नियमों की आड़ में ग्राहकों से टैक्स के रूप में अतिरिक्त राशि वसूली जा रही है।
यह है वैट का नियम
बिल्डर के लिए पांच फीसदी वैट देय है। यह 1 अप्रैल 2011 से लगा है। बिल्डर को बिल्डिंग बनाने में लगी कीमत व ग्राहक से लिए गए मुनाफे के योग पर टैक्स देना है। इसमें जमीन की कीमत को अलग किया गया है। फ्लैट की गाइडलाइन या रजिस्ट्री में उल्लेखित कीमत में से गाइडलाइन के हिसाब से जमीन की वर्तमान कीमत को घटाकर शेष मूल्य पर वैट लिया जाएगा।
> अभी सामान्य तौर पर बिल्डर जमीन व फ्लैट बनाने की कीमत व अपना मुनाफा तीनों जोड़कर टैक्स लेता है। मान लीजिए किसी मल्टी में 50 फ्लैट हैं और मल्टी एक करोड़ मूल्य की जमीन पर बनी है।
> यदि आपने फ्लट 20 लाख में खरीदा तो इसका पांच फीसदी यानी एक लाख रुपए वैट के रूप में लिया जाता है जबकि 20 लाख में से आनुपातिक रूप से जमीन की कीमत कम होनी थी यानी इसमें से दो लाख रुपए कम कर 18 लाख रुपए पर वैट लिया जाना था। यह करीब 90 हजार रुपए होता है। यानी बिल्डर ने एक फ्लैट पर ग्राहक से दस हजार रुपए और इस तरह 50 फ्लैट की बिक्री पर 5 लाख रुपए अतिरिक्त ले लिए।
> यदि बिल्डर वाणिज्यिक कर विभाग में पंजीकृत नहीं है, तो 50 फ्लैट पर ग्राहकों से वैट के रूप में करीब 50 लाख रुपए लेकर सीधे अपनी जेब में डाल लिए।
> यदि आपने फ्लट 20 लाख में खरीदा तो इसका पांच फीसदी यानी एक लाख रुपए वैट के रूप में लिया जाता है जबकि 20 लाख में से आनुपातिक रूप से जमीन की कीमत कम होनी थी यानी इसमें से दो लाख रुपए कम कर 18 लाख रुपए पर वैट लिया जाना था। यह करीब 90 हजार रुपए होता है। यानी बिल्डर ने एक फ्लैट पर ग्राहक से दस हजार रुपए और इस तरह 50 फ्लैट की बिक्री पर 5 लाख रुपए अतिरिक्त ले लिए।
> यदि बिल्डर वाणिज्यिक कर विभाग में पंजीकृत नहीं है, तो 50 फ्लैट पर ग्राहकों से वैट के रूप में करीब 50 लाख रुपए लेकर सीधे अपनी जेब में डाल लिए।
Saturday, 2 February 2013
शहर की 20 और कॉलोनियां अवैध घोषित
प्रशासन ने जारी की सूची
|
इमारतें, दुकानें और होटल भी शामिल, नामांतरण और डायवर्शन पर रोक लगेगी
|
प्रशासन ने 20 और अवैध कॉलोनियों की सूची जारी कर दी है। अब ऐसी कॉलोनियों की संख्या 138 हो चुकी है। नगरीय सीमा के बाहर अनुमति के बिना बनाई जा रही कॉलोनियों का काम तहसीलदार की जांच के बाद रोका जा रहा है। हाल ही में प्रशासन द्वारा जारी सूची में उमरीखेड़ा, कैलोद करताल, मोरोद, पालदा, जामन्या खुर्द, निपानिया और पीपल्या कुमार में बसी कॉलोनियों और टाउनशिप के साथ दुकान और होटल के नाम सामने आए हैं। एसडीओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया इन सभी स्थानों के नामांतरण और डायवर्शन पर रोक लगाने के साथ मध्यप्रदेश पंचायतीराज अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई भी जाएगी। |
पालदा
|
1. सर्वे नं. 82/1, 84/1, 82/3 व अन्य, भूमि स्वामी इब्राहिम खां आदि, मौके पर भूखंड बेचे। 2. सर्वे नं. 378/3, 378/5 व अन्य, भूमि स्वामी अशोक, राधेश्याम, कॉलोनाइजर रमेश पिता बद्रीलाल मुकाती, कॉलोनी-स्कंध धाम। 3. सर्वे नं. 395/1कूल/1/1 भूमि स्वामी अशरफ पिता गुलाब शेख करीम आदि, कॉलोनाइजर राधेश्याम अग्रवाल। 4. सर्वे नं. 204/1/1, 204/1/3 भूमि स्वामी राजाराम पिता नागूलाल माली, कॉलोनाइजर एजाज खां, कॉलोनी- समतानगर। 5. सर्वे नं. 328/1मिन, 329/1/1 भूमि स्वामी सीताराम पिता सुखराम बलाई आदि, कॉलोनाइजर रमेश पिता महादेव परवारे, कॉलोनी- कमलानगर। 6. सर्वे नं. 190/1, 191/1 व अन्य, भूमि स्वामी लक्ष्मीनारायण पिता राजाराम आदि, कॉलोनाइजर गम्मू पहलवान ने यहां श्रीरामनगर में प्लॉट काटकर बेचे। 7. सर्वे नं. 309/1/2/2ख, भूमि स्वामी बाबूलाल और भोलाराम पिता प्रहलाद, कॉलोनाइजर राजू यादव ने मौके पर गायत्रीनगर में प्लॉट काटकर बेचे। 8. सर्वे नं. 72/2, 74/4, भूमि स्वामी परसराम पिता भंवरलाल मीणा, कॉलोनाइजर राजाराम पिता जयराम बुराना ने प्लॉट काटकर बेचे। 9. सर्वे नं. 93,94, 95, भूमि स्वामी रामशिन पिता मूलचंद, बनवारीनगर में प्लॉट काटे। कैलोद करताल 1. सर्वे नं. 960/3, 362/1, प्रेमचंद पिता रामनाथ जोशी। 2. सर्वे नं. 931,933,939/1 व अन्य, बिहार गृ.नि.स.सं. तर्फे कैलाशचंद्र कालूराम शर्मा, मौके पर कॉलोनी निर्माण किया। 3. सर्वे नं. 937,938,939,940, प्रगति गृ.नि.स.सं.मर्या. इंदौर तर्फे जगदीश पिता सदाशिव। 4. सर्वे नं.978/1/1,केशरसिंह पिता मांगीलाल चौधरी, दुकानें बनाईं। उमरीखेड़ा 1. सर्वे नं. 786/3/1, अमनदीप पिता दलजीतसिंह भुल्लर, मौके पर तीन मंजिला इमारत बनाई। 2. सर्वे नं. 57/2/1, 57/2/2, रमेशचंद्र साहू पिता हीरालाल, मौके पर होटल का निर्माण। निपानिया 1. सर्वे नं. 5/1, 5/5।, महेंद्र कुमार पिता गुलाबचंद डागरिया, सत्यनारायण मालपानी तर्फे आ.मु. अरुण डागरिया पिता नेमीचंद मे. फैनी कंस्ट्रक्शन। 2. सर्वे नं. 26/1/2, 26/2 व अन्य, भूमि स्वामी व कॉलोनाइजर अब्बास, माधुसिंह, गुल मोहम्मद, उस्मान, दिलीपसिंह, बंदरसिंह, बाबू, फारूख तर्फे आ.मु. लक्ष्मीनारायण पिता आनंदीलाल। मौके पर गुलमोहर रिसोर्ट। मोरोद १. सर्वे नं. 359, भूमि स्वामी व कॉलोनाइजर वास्तु डेवलपर्स, के. जयंतीलाल एंड कंपनी, डीएस चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा रिद्धि सिद्धि टाउनशिप (आंशिक)बनाई। जामन्या खुर्द १. सर्वे नं. 139/1/1/2, भूमि स्वामी एवं कॉलोनाइजर रमेशचंद्र पिता रामचंद्र अग्रवाल। पीपल्याकुमार १. सर्वे नं. 6/1, 7, 8, 9, 10, 12, 39, 45, 48, 52, 53, 54, भूमि स्वामी एवं कॉलोनाइजर हजारीलाल, सूर्यनारायण, शिवजीराम, बाबूलाल, लीलाधर, नरेंद्र, उमरावबाई, मुरारीलाल, प्रभु तर्फे आ.मु. विजय कुमार पिता मन्नालाल, मौके पर गोयल रिसोर्ट। |
Subscribe to:
Posts (Atom)